निशानी छोड़ जायेंगे
चले हैं ज़िन्दगी में हम दीया एक प्यार का लेकर
उजाले अपनी यादों के कहीं तो छोड़ जाएंगे।
तुम अपनी राह पे चलना, हम अपनी राह चलते हैं.
निशानी पाँव का लेकिन यहीं हम छोड़ जाएंगे।
— कुमार अविनाश केसर
मुजफ्फरपुर, बिहार
चले हैं ज़िन्दगी में हम दीया एक प्यार का लेकर
उजाले अपनी यादों के कहीं तो छोड़ जाएंगे।
तुम अपनी राह पे चलना, हम अपनी राह चलते हैं.
निशानी पाँव का लेकिन यहीं हम छोड़ जाएंगे।
— कुमार अविनाश केसर
मुजफ्फरपुर, बिहार