निशानियां मिटती नहीं
वक्त के पन्नों से कोई कुर्बानियां मिटती नहीं
मिटते भले निशान हैं निशानियां मिटती नहीं
तयशुदा हर चीज की पूरी मियाद रखता है
अपने मन में जाने ये क्या मुराद रखता है
पहचान उसके जाने के भी बाद रखता है
वक्त हर किसी को पूरा पूरा याद रखता है
चाहे कुछ हो वक्त की वो वाणियां मिटती नहीं
मिटते भले निशान हैं निशानियां मिटती नहीं
बहके कभी कदम जो तो रोके पुकारे वक्त ही
क्या गलत है क्या सही देता इशारे वक्त ही
लहरों से हों परेशान तो देता किनारे वक्त ही
बिगाड़ता भी वक्त है जीवन संवारे वक्त ही
शत्रु बने जो वक्त परेशानियां मिटती नहीं
मिटते भले निशान हैं निशानियां मिटती नहीं
ना घमंड ना ही अभिमान करें वक्त का
धैर्य से हम रास्ता आसान करें वक्त का
वक्त की पूजा करें गुणगान करें वक्त का
आओ मिलके हम सभी सम्मान करें वक्त का
मान न हो वक्त का तो हानियां मिटती नहीं
मिटते भले निशान हैं निशानियां मिटती नहीं
विक्रम कुमार
मनोरा, वैशाली