निर्गुण
माता के प्यार
जनम भर के
प्रेमिका के प्यार
वचन भर के…
(१)
केहू नाहीं
इहां अपना
दुनिया में साथ
बाटे सपना
एक झटका में
टूट जाई
पत्नी के प्यार
लगन भर के…
(२)
जब कवनो
मुश्किल पड़ी
छाया भी आपन
मुंह मोड़ी
मौका पर ना
काम आई
दोस्त के प्यार
कहन भर के…
(३)
एसे पहिले कि
देर हो जाव
चारू ओर
अंधेर हो जाव
चेत सकअ तअ
चेत लअ तू
रिश्ता के प्यार
रसम भर के…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#बिछोह #प्रेमी #वेदना #beauty
#मायूसी #निराशा #निर्गुण #मृत्यु
#जीवन #फलसफा #दर्शन #सत्य
#nirgun #Kabir #कबीर #होश