निराश नहीं होना
हार जीत सदा चलती, होना नहीं निराश ।
मौके बहुत सारे हैं, फिर कीजिए तलाश ।।
चींटी से लेकर सबक, आगे बढ़ो जवान ।
एक बार का हारना, देता नहीं थकान ।।
जग में अवसर बहुत हैं, होना मत भयभीत ।
फिर से प्रयास कीजिए, होगी अवश्य जीत ।।
जो चढ़ते पहाड़ो पर, वहीं फिसलते शेर ।
जो डरकर बढ़ते नहीं, जग में होते ढेर ।।
असफलता को देखकर, करना नहीं मलाल ।
कोशिश फिर से कीजिए, सुन लो मेरे लाल ।।
जग इम्तिहान से भरा, फिर क्यों डरते आज ।
मन में विश्वास भरकर, शुरू कीजिए काज ।।
तुम सब नन्हे फूल हो, तुम से महके बाग ।
फूल बिन इस उपवन में, जलते नहीं चिराग ।।
गुरुवर का आशीष ले, हो जाओ तैयार ।
बन जाएगा पथ सरल,कदम बढ़ाओ यार ।।
——जेपी लववंशी