निराशा के खायी से बाहर निकालेगी ये पांच बाते – आनन्द्श्री
निराशा के खायी से बाहर निकालेगी ये पांच बाते – आनन्द्श्री
हम सब तरंगों की दुनिया
मे जी रहे,जो देते है वह लौट आता है, अच्छाई, बुराई मान- सम्मान, तरंगों के रूप में, वापस आता है। आपकी सोच से, महसूस से, तरंगे निर्माण होती है,
जा-जाकर लौट आती है। समान समान को आकर्षित करती है, फिर जो सोचते है, वही बन जाते है। अपनी तरंगों को, जागरूकता से देखे, आप दुनिया को कौन सी, तरंगे दे रहे है। वही आपको वापस आने वाली है, आपकी दुनिया का निर्माण करने वाली है। बस आपको निराशा की खाई से बाहर आना है।
कोरोना की दूसरी लहर के कारण हर तरफ हताश, निराशाजनक घटनाएँ हो रही हैं, वेक्सीन के बावजूद, आदमी पूरी तरह से असहाय हो गया है .. !! समय-समय पर हर किसी के जीवन में इस तरह की बात होती है। वर्तमान समय को देखते हुए, यह अनुमान लगाना संभव नहीं है कि भविष्य में जीवन कैसा होगा।
नकारात्मक स्थिति में एक व्यक्ति को क्या करना चाहिए ..? उस व्यक्ति का क्या होगा यदि उसका स्वास्थ्य, पैसा, नौकरी की विफलता, रिश्ते की समस्याएं, वित्तीय कठिनाइयों और यहां तक कि बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकता है .. ? माना की घना अन्धेरा है , रात काली है , फिर भी जीना है , आपका ज़िंदा रहना जरुरी है। इस नकारत्मकता से बहार आने पर आज का यह पांच बाते याद रखेंगे।
1। अपने स्वयं के अंतर्ज्ञान पर विश्वास करें: आत्मविश्वास बनाये रखे – यह समय भी निकल जाएगा। सुनने के लिए लोगों के कहने और करने के मन को जानना चाहिए .. हम निश्चित उम्र के बाद और अनुभवों की मदद से अपने लिए सही निर्णय ले सकते हैं .. हम स्थिति को ठीक से संभाल सकते हैं ..इसलिए, आपको अपने से बड़ों और अनुभवी लोगो से सलाह-मशविरा करना चाहिए, लेकिन आपको खुद ही सही फैसला करना होगा। आपका अंतर्ज्ञान आमतौर पर आपको धोखा नहीं देता है .. इसलिए ध्यान से सोचें कि यह क्या कहता है ..अपने होने का एहसास में रहिये और आत्मविश्वास कीजिये।
2। अनुशासन जीवन और सफलता के लिए तैयारी करते रहिये : जब आप स्कूल में होते हैं, तो आपको अनुशासित होना पड़ता है। यदि आप अनुशासन तोड़ते हैं, तो आपको सजा मिलती है। लेकिन अगर अनुशासन का पालन किया जाए तो स्कूली जीवन सफल होता है। हमारा जीवन भी कुछ ऐसा ही है .. अनियंत्रित जीवन एक बुरा मोड़ लेता है .. लेकिन अगर अनुशासन लागू किया जाता है, तो हम कठिन समय को आसान बनाने में सफल होते हैं ।रोज कुछ न कुछ करने की आदत डालें। अच्छे से पेश आओ लोगों की मदद करें … शौक को पूरा करें ।अक्सर ऐसा होता है कि आपके सामने वाला व्यक्ति आपकी मदद कर रहा होता है या किसी भी अच्छाई का फायदा उठाकर अच्छाई पर विश्वास खो देता है।
3। नकारात्मक में अपने नींव को मजबूत करें: अपने जीवन की नींव को मजबूत रखें .. यह आपके स्वयं के अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण करने में मदद करता है। यह समय अपने आप को पूर्ण तरह से तैयार करने का है। अपने आप को नयी शुरुवात करने के लिए नयी स्किल को सकारात्मक भाव से मजबूत करे। अन्यथा, यदि आप अपने बुरे दिनों में यह सब छोड़ देते हैं, तो अकेलापन आपको खा जाएगा।
4। प्रयास पर जोर दें:कोशिश करना मत छोड़िये – परिस्थिति बदलेगी –
सफलताएँ और असफलताएँ आती हैं .. लेकिन अगर आप कोशिश करना छोड़ देते हैं, तो मान लीजिए आप हार जाते हैं।
हारने वाला कभी खुश नहीं हो सकता .. दुनिया उसे हारे हुए के रूप में जानती है ।।यदि आप कुछ करना शुरू करते हैं, तो उसे पूरा करने के लिए इच्छुक रहें .. यदि आप आज कड़ी मेहनत करते हैं और कल से ऊब गए हैं, तो उस काम के प्रति अपना दृष्टिकोण बदलें .. संगति आपको बचाता है .. याद रखें कि उथलापन आपको डूबता है ..
5 । सदा ईमानदार रहें, सरल रहे, जो है वह बनकर रहे और अपने सिद्धांतों को मत छोड़ें:: ईमानदारी से काम करना और अपने सिद्धांतों को न छोड़ना आपको जीवन में बहुत सम्मान देता है .. लोग आपको पहचानते हैं, आपके व्यवहार से आप पर विश्वास करते हैं ।झूठ बोलने से कोई भी बड़ा नहीं होता है, समय को दूर किया जा सकता है लेकिन वही झूठ आपके सामने राक्षसी रूप में आता है। ऐसी स्थिति से गुजरने के बजाय सच्चाई का सामना करना अधिक साहसपूर्ण होता है। एक बार जब आप दूसरों के गलत सिद्धांतों के आगे झुक जाते हैं, तो आप जीवन भर पछताएंगे। दोस्तों, इन जीवन पाठों को सीखना बहुत महत्वपूर्ण है। इस तेज उम्र में, ये संस्कार, प्यार, दया, प्यार कहीं गायब हो रहे हैं ।
आपका हर कार्य, क्रिया , विचार और प्रतिक्रया का आपके जीवन पर असर होता है , अब आपको आप-आने आपको पहचान कर इस बातो को जीवन में उतारना है। निराशा से बाहर आओ नए जीवन का स्वागत करें।
आनंदश्री – प्रो डॉ दिनेश गुप्ता
आध्यात्मिक वक्ता एवं माइंडसेट गुरु