Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2020 · 2 min read

नियम से बंधे दशानन

दशानन आज परेशान है और बाइक पर बदहवास भागे जा रहा है, इस कारण से नहीं कि उनकी आज हत्या होगी, क्योंकि उसे मालूम है कि प्रत्येक साल ‘दशहरा’ के दिन उसे भारत की धरती पर खुद हत्या करवाने आने पड़ते हैं, ऐसा त्रेतायुग से ही यमलोक से आदेश पारित है. दरअसल, दशानन उर्फ़ रावण की परेशानी का कारण यह है कि उनकी वास्तविक हत्या के बाद पुष्पक विमान कहाँ है, उन्हें पता नहीं है और इधर के सौ वर्षों में वे भारत की यात्रा ‘बाइक’ से ही करते आ रहे हैं. यह बाइक हवा में उड़ते हैं, जल में तैरते हैं और सड़क पर दौड़ते हैं ! इस साल की पहली सितम्बर से बाइक चलाना उनके लिए तो और भी जी का जंजाल बन गया है. ‘दशहरा’ के कारण आज दुपहिया शोरूम भी बंद है कि अचानक उन्हें एक खुली शोरूम दिखा, बाइक जैसे-तैसे लगाकर वे शोरूम के अंदर भागे और तब वहाँ दस सिरवाले व्यक्ति को देखकर सभी स्टाफ़ न सिर्फ़ चौंके, अपितु डर के मारे काँप गए, किन्तु उन्होंने कहा- ‘डरिये मत, मैं भले ही रावण हूँ, किंतु मुझे आज अपनी हत्या करवाने मैदान जाना है, परंतु मेरे पास एक ही हेलमेट है, नौ और चाहिए, ताकि मोटर व्हीकल्स एक्ट 2019 के तहत बेरोकटोक हत्यास्थल पहुँच सकूँ !’ शोरूम स्टाफ भी अभी शटर गिराकर रावण-वध कार्यक्रम देखने निकलने ही वाले थे कि रावण के अप्रत्याशित आगमन से उन स्टाफ में एक सीनियर स्टाफ ने थरथर काँपते हुए हाथ जोड़कर कहा- ‘सर, 2 अक्टूबर से ही हेलमेट की शॉर्टिंग हो गई है और हमसब भी वहीं निकलने ही वाले थे कि आप साक्षात पधारे. डर तो लग रहा है, किंतु अच्छा भी लग रहा है कि राम को तो साक्षात नहीं देखा, पर रा… ओह… आपको लाइव देख रहा हूँ, सर ! हम यहाँ नौ स्टाफ हैं, सभी नौ के हेलमेट ले लीजिए, एक तो आप पहले से पहने है ही और ये सभी 9 गिफ़्ट हैं आपके लिए ! हमसब जब आपको साक्षात देख ही लिए और फिर मैं आपके इस ट्रैफिक नियमों के अनुपालन से प्रेरित हो अपने सभी स्टाफ की ओर से प्रण लेते हैं कि हत्या व वध व मर्डर दृश्य अब से नहीं देखूँगा, यह तो मानवाधिकार उल्लंघन का निकृष्टतम उदाहरण है !’ रावण इस सीनियर स्टाफ की बातों को सुन भाव-विह्वल हो गए और फिर सभी दसों हेलमेट को ठीक से पहना, उनके हुक लगाया तथा यमलोक के आदेशानुपालन को साकार करने व सालाना हत्या कार्यक्रम में शामिल होने खुद के वधवाले मैदान की ओर बाइक की दिशा मोड़ दिए….

Language: Hindi
1 Like · 390 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आज का युद्ध, ख़ुद के ही विरुद्ध है
आज का युद्ध, ख़ुद के ही विरुद्ध है
Sonam Puneet Dubey
जुड़वा भाई ( शिक्षाप्रद कहानी )
जुड़वा भाई ( शिक्षाप्रद कहानी )
AMRESH KUMAR VERMA
कहाँ मिलेगी जिंदगी  ,
कहाँ मिलेगी जिंदगी ,
sushil sarna
आनंद जीवन को सुखद बनाता है
आनंद जीवन को सुखद बनाता है
Shravan singh
आकुल बसंत!
आकुल बसंत!
Neelam Sharma
"अपेक्षा"
Yogendra Chaturwedi
तारीफ किसकी करूं किसको बुरा कह दूं
तारीफ किसकी करूं किसको बुरा कह दूं
कवि दीपक बवेजा
कुछ हसरतें पाल कर भी शाम उदास रहा करती है,
कुछ हसरतें पाल कर भी शाम उदास रहा करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विद्यार्थी के मन की थकान
विद्यार्थी के मन की थकान
पूर्वार्थ
सही कदम
सही कदम
Shashi Mahajan
‘ चन्द्रशेखर आज़ाद ‘ अन्त तक आज़ाद रहे
‘ चन्द्रशेखर आज़ाद ‘ अन्त तक आज़ाद रहे
कवि रमेशराज
वक़्त  बहुत  कम  है.....
वक़्त बहुत कम है.....
shabina. Naaz
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
manjula chauhan
खर्राटा
खर्राटा
Santosh kumar Miri
मैं लोगों की तरह चांद तारे तोड़ कर तो नही ला सकता लेकिन तुम
मैं लोगों की तरह चांद तारे तोड़ कर तो नही ला सकता लेकिन तुम
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ठण्डी राख़ - दीपक नीलपदम्
ठण्डी राख़ - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
3482.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3482.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
*दिल में  बसाई तस्वीर है*
*दिल में बसाई तस्वीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस
अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस
डॉ.सीमा अग्रवाल
लोग समझते थे यही
लोग समझते थे यही
VINOD CHAUHAN
कर्म योग: मार्ग और महत्व। ~ रविकेश झा।
कर्म योग: मार्ग और महत्व। ~ रविकेश झा।
Ravikesh Jha
जल्दी-जल्दी  बीत   जा, ओ  अंधेरी  रात।
जल्दी-जल्दी बीत जा, ओ अंधेरी रात।
गुमनाम 'बाबा'
समंदर इंतजार में है,
समंदर इंतजार में है,
Manisha Wandhare
..
..
*प्रणय*
चाहे मेरे भविष्य मे वह मेरा हमसफ़र न हो
चाहे मेरे भविष्य मे वह मेरा हमसफ़र न हो
शेखर सिंह
"मानद उपाधि"
Dr. Kishan tandon kranti
वन्दे मातरम वन्दे मातरम
वन्दे मातरम वन्दे मातरम
Swami Ganganiya
गर्म चाय
गर्म चाय
Kanchan Khanna
*जिसने भी देखा अंतर्मन, उसने ही प्रभु पाया है (हिंदी गजल)*
*जिसने भी देखा अंतर्मन, उसने ही प्रभु पाया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
ଏହା କୌଣସି ପ୍ରଶ୍ନ ନୁହେଁ, ଏହା ଏକ ଉତ୍ତର ।
ଏହା କୌଣସି ପ୍ରଶ୍ନ ନୁହେଁ, ଏହା ଏକ ଉତ୍ତର ।
Otteri Selvakumar
Loading...