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16 Jul 2017 · 1 min read

महक तुम्हारी हमें साँवरे ….

नित सुबह आती है , नित शाम आती है
याद तुम्हारी हमें साँवरे दिन रात आती है ।

हर सहर भाती है , हर पहर भाती है
महक तुम्हारी हमें साँवरे हर लहर भाती है ।

हर भवन आती है , हर नगर आती है
छवि तुम्हारी हमें साँवरे हर डगर आती है ।

हर पल सताती है , हर क्षण सताती है
स्मित तुम्हारी हमें साँवरे हर पग सताती हैं ।

हर सुख जगाती है , हर दुख समाती है
डग तुम्हारी हमें साँवरे हर पथ दिखाती हैं ।

डॉ रीता

Language: Hindi
Tag: गीत
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