निजी मामला
निजी या
अंदरुनी जैसा
कोई भी
मामला नहीं
होता यहां।
सारी चीजें
एक-दूसरे से
जुड़ी हुई हैं
कायनात में।
जब एक
तिनके को भी
उखाड़ा जाता है
तो उसका दर्द
सितारों तक को
तड़पा देता है!
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निजी या
अंदरुनी जैसा
कोई भी
मामला नहीं
होता यहां।
सारी चीजें
एक-दूसरे से
जुड़ी हुई हैं
कायनात में।
जब एक
तिनके को भी
उखाड़ा जाता है
तो उसका दर्द
सितारों तक को
तड़पा देता है!
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