निगाहे नाज़ अजब कलाम कर गयी ,
निगाहे नाज़ अजब कलाम कर गयी ,
उठी जिधर जिधर सलाम कर गयी ,
बाद ए गुस्ल ए चाँदनी शबनमी हवा ,
आयी महफ़िल में , इत्माम कर गयी ..
✍नील रूहानी
निगाहे नाज़ अजब कलाम कर गयी ,
उठी जिधर जिधर सलाम कर गयी ,
बाद ए गुस्ल ए चाँदनी शबनमी हवा ,
आयी महफ़िल में , इत्माम कर गयी ..
✍नील रूहानी