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21 Sep 2024 · 1 min read

निगाहे नाज़ अजब कलाम कर गयी ,

निगाहे नाज़ अजब कलाम कर गयी ,
उठी जिधर जिधर सलाम कर गयी ,
बाद ए गुस्ल ए चाँदनी शबनमी हवा ,
आयी महफ़िल में , इत्माम कर गयी ..
✍नील रूहानी

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