निंदक सज्जन को करें ,एक मात्र बदनाम ।
निंदक सज्जन को करें ,एक मात्र बदनाम ।
बन न सके सज्जन कभी, नहीं हृदय विश्राम ।।
डा. सुनीता सिंह’सुधा’
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निंदक सज्जन को करें ,एक मात्र बदनाम ।
बन न सके सज्जन कभी, नहीं हृदय विश्राम ।।
डा. सुनीता सिंह’सुधा’
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