ना जाने क्यों तुम,
ना जाने क्यों तुम,
नफरत करती हो हमसे ।
जब चिंता भी करती हो हमारी,
तो फिर, क्यों नहीं कहती हो,
हाँ, मुझे भी मोहब्बत है तुझसे ।।
ना जाने क्यों तुम,
नफरत करती हो हमसे ।
जब चिंता भी करती हो हमारी,
तो फिर, क्यों नहीं कहती हो,
हाँ, मुझे भी मोहब्बत है तुझसे ।।