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17 Oct 2024 · 1 min read

ना जाने किस मोड़ पे भाग्य किसी का बदल जाए!

ना जाने किस मोड़ पे भाग्य किसी का बदल जाए!
गिरता, फिसलता मनुज कोई आसमान पे चढ़ जाए!
इसीलिए भूलकर भी हिम्मत ना हारना साथी मेरे,
संघर्ष-पथ पर जूझते हुए करिश्मा बड़ा कर जाएं!

…. अजित कर्ण ✍️

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