ना करना अब काले धंधे
ना करना अब काले धंधे ,
गलती अपनी दौराना ना l
सीधे साधे भोले भाले ,
टोपी उनको पहनाना ना ll
अपनों की आंखों से गिरकर,
जेल में हमको जाना ना l
रूखी सूखी खाकर रहना ,
अब काला धन अपनाना ना ll
खादी में रहने वाले हम ,
अब चोर हमें कहलाना ना l
झूठे वादे करके अब तो ,
जनता को”सलिल”बहलाना ना ll
संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश l