नारी
एक नारी केवल तन नहीं ,
एक अविनाशी आत्मा है ।
एक कौशल युक्त तीक्ष्ण बुद्धि है ।
एक मानवीय भावनाओं से भरा हुआ ह्रदय है।
यह नारी सृष्टि है ,धरती है ,प्रकृति है ,
दुर्गा,लक्ष्मी और सरस्वती है ।
जग को संतति देने वाली यह नारी ,
एक जगत जननी है ।