नारी हूँ मैं
नारी हूँ मैं, नारी हूँ मैं, नारी हूँ, मैं नारी हूँ…
नारी हूँ मैं, नारी हूँ मैं, नारी हूँ, मैं नारी हूँ…
तू मुझसे क्या टकराएगा, मैं इक तलवार दुधारी हूँ,
तू मुझको हाथ लगाएगा, मैं ज्वाला हूँ, चिंगारी हूँ…
नारी हूँ मैं, नारी हूँ मैं, नारी हूँ, मैं नारी हूँ…
मैं फुले की आशाओं के, घर-घर उजियारे लाई हूँ,
मैं पहली नारी शिक्षक हूँ, मैं तो सावित्री बाई हूँ…
नारी हूँ मैं, नारी हूँ मैं, नारी हूँ, मैं नारी हूँ…
झाँसी की रानी लक्ष्मी हूँ, भारत की राजदुलारी हूँ,
लड़के प्राणों को अमर किया, मैं द्वितीय रूप झलकारी हूँ…
नारी हूँ मैं, नारी हूँ मैं, नारी हूँ, मैं नारी हूँ…
नारी हूँ मैं, नारी हूँ मैं, नारी हूँ, मैं नारी हूँ…
नारी हूँ मैं, नारी हूँ मैं, नारी हूँ, मैं नारी हूँ…
~कमल दीपेंद्र सिंह, अमरोहा, उ०प्र०
अनवरत विद्यार्थी