तेरे बिन
तेरे बिन, तेरे बिन, तेरे बिन…
है नहीं, है नहीं, कुछ नहीं…
तेरे संग, तेरे संग, तेरे संग..
आफ़रीं, आफ़रीं, ज़िंदगी…
जिया जाए न तेरे बिना…×३
तू ही अब, तू ही अब बन गई…
जीने की, जीने की, हर वज़ह…
बस गई, बस गई, बस गई…
रूह में, रूह में, हर जगह…
जिया जाए न तेरे बिना…×३
मैंने तो, मैंने तो, अपना दिल…
जोड़ा है, जोड़ा है, तेरे दिल से…
कहना है, कहना है, कहना है…
सामने, सामने, हर महफ़िल के…
जिया जाए न तेरे बिना…×३
तेरा ही, तेरा ही, तेरा ही…
जिक्र है, जिक्र है, हर दफ़ा…
चाँद से, चाँद से, सीखी है…
क्या तूने प्यार की हर वफ़ा…
जिया जाए न तेरे बिना…×३
~कमल दीपेंद्र सिंह, अमरोहा, उ०प्र०
अनवरत विद्यार्थी