नारी सम्मान
नारी का सम्मान कर,करता राष्ट्र विकास।
अपमानित वह देश जो , करे सभ्यता नाश।
करे सभ्यता नाश, दुष्टजन की मनमानी।
हुआ कलंकित देश, नीचता की हद जानी।
कहें प्रेम कविराय , पुलिस नाकामी भारी।
न्याय प्रतीक्षित आज , रहे सम्मानित नारी।
–डॉ. प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ‘प्रेम’