Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jan 2017 · 1 min read

नारी शोंषण

लघुकथा

नारी शोंषण

– बीजेन्द्र जैमिनी

नारी शोंषण के खिलाफ समाज सेवा करने वाली सरोंज जोंर जोंर एक समारोह में भाषण दे रही है – हर आदमी नारी का शोंषण करता है….। कुछ बुर्जग पीछें बैठे आपस में कह रहे है। इस औरत को हम बहुत अच्छी तरह से जानते है। यह अपने पति महोदय को बोलने तक नहीं देती है। पुत्र वघु को इतना पीटा ,उस का गर्भ तक गिर गया। बेटी ने प्रेम विवाह क्या किया,उसे घर में घुसने नहीं देती है। अपनी सास को घर की नौकरानी बना रखा है। कोठी में नौकर की तरह एक टूटा-फूटा कमरा दे रखा है। सुसर को तो कोठी में धुसने नहीं देती है। क्या इसे नारी शोंषण के खिलाफ समाज सेवा कहँ सकते है।
वह समाज सेवी जोर-जोर से भाषण दे रही है। #

पताः हिन्दी भवन , 554- सी , सैक्टर-6 , पानीपत- हरियाणा-132103 भारत
मो.9355003609

Language: Hindi
353 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"वक्त इतना जल्दी ढल जाता है"
Ajit Kumar "Karn"
बरसात
बरसात
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
पता नही क्यों लोग चाहत पे मरते हैं।
पता नही क्यों लोग चाहत पे मरते हैं।
इशरत हिदायत ख़ान
हारो बेशक कई बार,हार के आगे झुको नहीं।
हारो बेशक कई बार,हार के आगे झुको नहीं।
Neelam Sharma
प्रकृति! तेरे हैं अथाह उपकार
प्रकृति! तेरे हैं अथाह उपकार
ruby kumari
ये जो नफरतों का बीज बो रहे हो
ये जो नफरतों का बीज बो रहे हो
Gouri tiwari
9) “जीवन एक सफ़र”
9) “जीवन एक सफ़र”
Sapna Arora
तमाम उम्र अंधेरों ने मुझे अपनी जद में रखा,
तमाम उम्र अंधेरों ने मुझे अपनी जद में रखा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"हूक"
Dr. Kishan tandon kranti
It's just you
It's just you
Chaahat
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बहुत धूप है
बहुत धूप है
sushil sarna
बीतते वक्त के संग-संग,दूर होते रिश्तों की कहानी,
बीतते वक्त के संग-संग,दूर होते रिश्तों की कहानी,
Rituraj shivem verma
कभी जब आपका दीदार होगा
कभी जब आपका दीदार होगा
सत्य कुमार प्रेमी
रस्म ए उल्फ़त में वफ़ाओं का सिला
रस्म ए उल्फ़त में वफ़ाओं का सिला
Monika Arora
बहुत गुनहगार हैं हम नजरों में
बहुत गुनहगार हैं हम नजरों में
VINOD CHAUHAN
आ बैठ मेरे पास मन
आ बैठ मेरे पास मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
माँ
माँ
Arvina
शिद्दतों   का    ख़ुमार    है   शायद,
शिद्दतों का ख़ुमार है शायद,
Dr fauzia Naseem shad
#सामयिक_रचना
#सामयिक_रचना
*प्रणय*
हर घर तिरंगा
हर घर तिरंगा
Dr Archana Gupta
दोहे- अनुराग
दोहे- अनुराग
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जरूरत और जरूरी में फर्क है,
जरूरत और जरूरी में फर्क है,
Kanchan Alok Malu
मैं अपनी आँख का ऐसा कोई एक ख्वाब हो जाऊँ
मैं अपनी आँख का ऐसा कोई एक ख्वाब हो जाऊँ
Shweta Soni
जब तक हम ख़ुद के लिए नहीं लड़ सकते हैं
जब तक हम ख़ुद के लिए नहीं लड़ सकते हैं
Sonam Puneet Dubey
"" *श्री गीता है एक महाकाव्य* ""
सुनीलानंद महंत
The wrong partner in your life will teach you that you can d
The wrong partner in your life will teach you that you can d
पूर्वार्थ
पंचचामर छंद एवं चामर छंद (विधान सउदाहरण )
पंचचामर छंद एवं चामर छंद (विधान सउदाहरण )
Subhash Singhai
Loading...