नारी शक्ति वंदन अधिनियम
नारियों अब आप खुश हो,
आपको अब मिल गया है
नारी शक्ति वंदन अधिनियम
मिल गई है आपको हिस्सेदारी
लोकतंत्र के सबसे बड़े देश
की विधायिका में सर्वसम्मति से,
अब तो आप खुश होंगी,
आपकी खुशी का ठिकाना नहीं है,
खुश होने की बात भी है
आपको सीमाओं से परे
आजादी मिली है
आपको पंख मिले हैं
आसमान में उड़ने के लिए ।
आप तो जागरूक हो पहले से,
शिक्षा के क्षेत्र में,
चिकित्सा के क्षेत्र में,
व्यापार के क्षेत्र में,
साहित्य के क्षेत्र में,
आपकी भागेदारी अब और बढ़ गई है
विधायिका के क्षेत्र में ।
लेकिन अफसोस
वंचित कर दिया है
नारी शक्ति वंदन अधिनियम से
नारी शक्ति की 85 फीसदी
आबादी को उनके संवैधानिक अधिकारों से,
दूर कर दिया है
महिलाओं को महिलाओं से,
अफसोस उन महिलाओं के लिए
जो लिए घूमती हैं धर्म की चादर
बिछाने के लिए , प्रसारित करने के लिए
जिसका काम है सिर्फ दूरियां बढ़ाना,
आपस में द्वेष, घृणा, वैमनस्यता फैलाना
भेदभाव रखना , दूरियां बढ़ाना
एक इंसान से दूसरे इंसान के बीच ।
अब कानूनी रूप से बढ़ा दी हैं दूरियां,
महिलाओं के बीच बढ़ा दिया है
खाई के दायरे को,
फासला बढ़ाया है इस अधिनियम से
पहले जो सिर्फ जाति और वर्ण के नाम था,
अब महिला और महिला के बीच
बना दी है दीवार
इस नारी शक्ति वंदन अधिनियम से ।
आपका अब क्या होगा,
क्या अब भी आप पैरोकार बनोगी
उस व्यवस्था का,
जिसने छीना है अधिकार आपसे,
दिया था जो आपको,
संविधान के अनुच्छेद 51 (1) के तहत
गला घोंट दिया है,
संविधान और आपकी अपेक्षाओं का,
नारी शक्ति वंदन अधिनियम से ।
आर एस आघात
15/10/2023