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27 Jun 2024 · 1 min read

नारी विज्ञान

डॉ अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक – अरुण अतृप्त

हर कोई बात करता है दर्द की शायरी के रास्ते ।
माना कि इसने उसने झेला होगा दर्द किसी के वास्ते ।

इश्क मोहब्बत होना होता ये इंसानी रीत है ।
कोई सफल कोई असफल ये भी जानी पहचानी प्रीत है ।

साल सोहलवाँ जिसको चढ़ गया उसको तो ये होना है ।
उमर है कच्ची ज्ञान है कच्चा इसी बात का रोना है ।

पकी उमर में संभल संभल के कदम सभी जब रखते हैं ।
धक्के झटके झेल झेल के वो सब पक्के बनते हैं ।

होशियारी से देखभाल के फिर वो दिल का कमल खिलाते हैं ।
खुद कम रोते धोखा न खाते कसम देने से कतराते हैं ।

ऐसा आशिक ऐसी माशूक समझदार कहलाते हैं ।
दुनिया दारी साथ निभाते मंजिल से मिल जाते हैं ।

हर कोई बात करता है दर्द की शायरी के रास्ते ।
माना कि इसने उसने झेला होगा दर्द किसी के वास्ते ।

इश्क मोहब्बत होना होता ये इंसानी रीत है ।
कोई सफल कोई असफल ये भी जानी पहचानी प्रीत है ।

एक अबोध बालक को क्या समझाना ये तो बालक नेक है ।
खेर मनाता देखो सबकी , इसकी यही तो बात विशेष है ।

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