नारी पूज्यनीय है……
आज जननी का अस्तित्व खतरे में है , इसीलिए प्रलय की घड़ी भी नजदीक है। आज हम जिस प्रकार नारी शक्ति के ऊपर बदसुलूकी का रहे है शायद हमें ये ज्ञात नहीं या फिर हम ये भूल चुके है कि नारी शक्ति ही जीवन का मूल है। नारी देवी का स्वरूप नहीं वो खुद ही शक्ति है ,खुद ही देवी है।
आज प्रकृति का हमसे रूठने का कारण भी यही है।
जिस प्रकार दिनोदिन नारी पर अत्याचार हो रहे है वो दिन दूर नहीं जब देवी को अखंड दुर्गा का रूप लेना पड़े और लेना ही होगा। आज पाप अपने चरम सीमा पर पहुंच चुका है और “श्रीमद् भगवद गीता” में बताया है –
* जब जब भारत में धर्म की हानि होगी और पाप बढ़ेगा तब तब मै अवतरण लेकर दुष्टों का संहार करूंगा* ।
और ये बचन सत्य होता दिख रहा है प्रकृति के द्वारा अभी इसका विकराल स्वरूप हमें दिखाई दे रहा है।।
।।धन्यवाद।।