नारी एक नदी है बहुत दिन से यही कहीं रखा था
नारी एक नदी है
नदियाँ, नारी एक सी,
रखें तरलता पास ।
दोनों के मन विकलता,
पिया मिलन की आस।
दोनों जीवनदायिनी,
दोनों पालनहार।
दोनों सबको दे रहीं,
जीवन का आधार।
राह पड़ी बाधाओं से,
जूझें बारंबार।
फिर वह कोमल नारि हो,
या नदिया की धार।
जीवन पथ में सर्वदा,
रहे सींचती प्यार।
नदिया हो या नारि हो,
दोनों रस की धार।
इंदु पाराशर