नाम सुनाता
भोले सुनें ले खाली,कुछू बोलें ले नाही
कैसे गऊरा ऐ भोला,गईली तोह पे लुभाई
सोची सोची के ए भोले बाबा हमरो दिमाग चकराता
सावन में हर शिवालय से जय शिव जय शिव के नाम सुनाता
जब भांगे धतूरा से बावे राऊर नाता
त टिकरी ,पेठा से काहे शिवालय पूजाता
देखी देखी के हमरो अब मन बऊराता
सावन में चारों दिशाओं से ऊं नमः शिवाय के जाप सुनाता
सुन लें बानी गउरा तोहे ए भोले बाबा पावे खातिर छिन्मस्तिका के तक रूप धइले बारी
न जाने कौन गुण तोहरा में देखी के ए भोले बाबा एक अगरभंगी के साथ लग्न लगई ले बारी
सुनी सुनी के नितु के जािया घबराता
सावन में खाली शिवालय नाही हर धाम पूजाता।।
नितु साह(हुसेना बंगरा)सीवान-बिहार