नादान दिल
नादान तो यह दिल था
जो बीच समंदर किनारा ढूंढ रहा था
उनकी ना में भी कहीं हां ढूंढ रहा था
गुलाब की पत्तियों को तोड़ , प्यार में अपनी किस्मत आजमाते थे कई बार हम
शायद उन पत्तियों के साथ ही कन्ही मेरा प्यार भी टूट रहा था ।
नादान तो यह दिल था
जो बीच समंदर किनारा ढूंढ रहा था
उनकी ना में भी कहीं हां ढूंढ रहा था
गुलाब की पत्तियों को तोड़ , प्यार में अपनी किस्मत आजमाते थे कई बार हम
शायद उन पत्तियों के साथ ही कन्ही मेरा प्यार भी टूट रहा था ।