Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

नाटक

“नाटक”

मानवीय जीवन के यापन में,
जब अपने अपनों के ही द्वारा,
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को,
स्वच्छंदता, उत्श्रृंखलता मान,
सुख दुख, आनंद उल्लास को,
विलासिता या भावुकता जान,
हर बार, टोकने के प्रयत्न हुए,
हर संभव रोकने के जतन हुए,
तब पहने गए होंगे रंग, मुखौटे,
और रंगमंचों की छत्रछाया में,
मेलों तमाशों और लीलाओं में,
कई छदम रूपों की माया में,
उन दबी, सहमी संवेदनाओं को,
अनकही, अनछुई भावनाओं को,
व्यक्त करने का आधार मिला होगा,
और फिर “नाटक” का जन्म हुआ होगा

~ नितिन जोधपुरी “छीण”

51 Views

You may also like these posts

******** रुख्सार से यूँ न खेला करे ***********
******** रुख्सार से यूँ न खेला करे ***********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ठोकरें आज भी मुझे खुद ढूंढ लेती हैं
ठोकरें आज भी मुझे खुद ढूंढ लेती हैं
Manisha Manjari
सैनिक
सैनिक
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आसमाँ पर तारे लीप रहा है वो,
आसमाँ पर तारे लीप रहा है वो,
अर्चना मुकेश मेहता
हो जाएँ नसीब बाहें
हो जाएँ नसीब बाहें
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कलमबाज
कलमबाज
Mangilal 713
उम्मीद का दामन।
उम्मीद का दामन।
Taj Mohammad
कशिश
कशिश
Shyam Sundar Subramanian
3894.💐 *पूर्णिका* 💐
3894.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मुर्दा यह शाम हुई
मुर्दा यह शाम हुई
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
पिता के बिना सन्तान की, होती नहीं पहचान है
पिता के बिना सन्तान की, होती नहीं पहचान है
gurudeenverma198
मायका
मायका
Dr. Pradeep Kumar Sharma
क्यूँ जुल्फों के बादलों को लहरा के चल रही हो,
क्यूँ जुल्फों के बादलों को लहरा के चल रही हो,
Ravi Betulwala
डरना क्या है?
डरना क्या है?
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
भरोसा है मुझे
भरोसा है मुझे
Sanjay Narayan
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
Shashi kala vyas
*एक शपथ*
*एक शपथ*
*प्रणय*
" शिखर पर गुनगुनाओगे "
DrLakshman Jha Parimal
"बिछुड़ गए तो"
Dr. Kishan tandon kranti
कलयुग और महाभारत
कलयुग और महाभारत
Atul "Krishn"
मुक्तक
मुक्तक
अवध किशोर 'अवधू'
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
"गमलों की गुलामी में गड़े हुए हैं ll
पूर्वार्थ
ब्यथा
ब्यथा
Jai Prakash Srivastav
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
संघर्षों के राहों में हम
संघर्षों के राहों में हम
डॉ. दीपक बवेजा
मासुमियत है पर मासुम नहीं ,
मासुमियत है पर मासुम नहीं ,
Radha Bablu mishra
झूठे हैं सब कहकहे,
झूठे हैं सब कहकहे,
sushil sarna
औरतें
औरतें
Neelam Sharma
बगिया
बगिया
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Loading...