नाजुक
तुम जितनी नाजुक दिखती हो उतनी है नहीं!
खूबसूरती के अलावे तुम्हारे पास कुछ है नहीं!!
क्या कहुँ फिर भी दिल तुझपे मरता है!
लाख नजर अंदाज करने के बाद भी,
नजर तुम्हारी केयर करता है!!
—————०००————–
कवि : जय लगन कुमार हैप्पी
तुम जितनी नाजुक दिखती हो उतनी है नहीं!
खूबसूरती के अलावे तुम्हारे पास कुछ है नहीं!!
क्या कहुँ फिर भी दिल तुझपे मरता है!
लाख नजर अंदाज करने के बाद भी,
नजर तुम्हारी केयर करता है!!
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कवि : जय लगन कुमार हैप्पी