Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Nov 2024 · 2 min read

नाचेगी धरती, झुमेगा गगन,

नाचेगी धरती, झुमेगा गगन, जब होगा हरि से हर का मिलन
आपको हरिहर मिलन बैकुंठ चतुर्दशी की बहुत-बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं बैकुंठ चतुर्दशी कार्तिक पूर्णिमा के एक दिन पहले मनाया जाता है। एक ऐसा त्यौहार है जहाँ भक्त भगवान शिव एवं विष्णु दोनों को उसी दिन एक साथ पूजा करते है। यही वह दिन है जब भगवान विष्णु को वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष सम्मान दिया जाता है, तथा मंदिर वैकुण्ठ धाम की तरह सजाया जाता है। भगवान विष्णु, भगवान शिव को तुलसी पत्तियां प्रदान करते हैं और भगवान शिव बदले में भगवान विष्णु को बेलपत्र देते हैं।वैकुण्ठ चतुर्दशी को हरिहर का मिलन कहा जाता हैं अर्थात भगवान शिव और विष्णु का मिलन। हरि अर्थात भगवान विष्णु और हर यानी भगवान शिव । हरि से हर का अद्भुत मिलन कार्तिक माह की बैकुंठ चतुर्दशी के दिन होता है । क्योंकि भगवान विष्णु 4 माह के लिए शयन करने चले जाते हैं और इस बीच चार माह तक सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव करते हैं। इसीलिए देव उठनी एकादशी पर जब भगवान विष्णु शयन अवस्था से बाहर आते हैं। तब भगवान शिव सृष्टि का कार्यभार फिर से भगवान विष्णु को सौंप देते हैं। भगवान शिव पूरे लाव लश्कर के साथ सृष्टि का कार्यभार श्री हरि विष्णु को सौंपने उनके दरबार पहुंचते हैं। इस दौरान दोनों देवों को उनके स्वभाव के विपरीत मालाएं धारण कराई जाती हैं। और जोरदार स्वागत की परंपरा निभाई जाती है। अर्थात् भगवान विष्णु को बिल्वपत्र की माला तथा भगवान शिव को तुलसी दल की माला पहनाकर उनका स्वागत किया जाता है।यह आयोजन वैकुंठ चतुर्दशी की रात में होता है ।विष्णु एवं शिव के उपासक इस दिन को बहुत उत्साह से मनाते हैं। दिवाली त्यौहार की तरह भगवान शिव और विष्णु का मिलन का उत्साह से मनाया जाता हैं। खासतौर पर यह उज्जैन, वाराणसी में मनाई जाती हैं। इस दिन उज्जैन में भव्य आयोजन किया जाता हैं। शहर के बीच से भगवान की सवारी निकलती हैं, जो महाकालेश्वर मंदिर तक जाती हैं। इस दिन उज्जैन में उत्सव का माहौल चारो और रहता हैं 🙏🙏💐💐

62 Views

You may also like these posts

धनपत राय
धनपत राय
MUSKAAN YADAV
सरपरस्त
सरपरस्त
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
*अदरक (बाल कविता)*
*अदरक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
2531.पूर्णिका
2531.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल(उनकी नज़रों से ख़ुद को बचाना पड़ा)
ग़ज़ल(उनकी नज़रों से ख़ुद को बचाना पड़ा)
डॉक्टर रागिनी
नारी..... एक खोज
नारी..... एक खोज
Neeraj Agarwal
‘प्रेम’
‘प्रेम’
Vivek Mishra
ओबीसी साहित्य
ओबीसी साहित्य
Dr MusafiR BaithA
पल पल दिल के पास तुम रहती हो
पल पल दिल के पास तुम रहती हो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
मिथक से ए आई तक
मिथक से ए आई तक
Shashi Mahajan
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
SURYA PRAKASH SHARMA
पल्लवित प्रेम
पल्लवित प्रेम
Er.Navaneet R Shandily
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
Manisha Manjari
इश्क़ कमा कर लाए थे...💐
इश्क़ कमा कर लाए थे...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
🙅सटीक समीक्षा🙅
🙅सटीक समीक्षा🙅
*प्रणय*
दोहा पंचक. . . . शृंगार  रस
दोहा पंचक. . . . शृंगार रस
sushil sarna
मन
मन
Rambali Mishra
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
Atul "Krishn"
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
ओसमणी साहू 'ओश'
जोर लगा के हइसा..!
जोर लगा के हइसा..!
पंकज परिंदा
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत
gurudeenverma198
एहसान
एहसान
Kshma Urmila
ग़म-ए-दिल....
ग़म-ए-दिल....
Aditya Prakash
पाप्पा की गुड़िया.
पाप्पा की गुड़िया.
Heera S
बहुत कुछ पढ़ लिया तो क्या ऋचाएं पढ़ के देखो।
बहुत कुछ पढ़ लिया तो क्या ऋचाएं पढ़ के देखो।
सत्य कुमार प्रेमी
- जिंदगी हो गई क्रिकेट मैच की तरह -
- जिंदगी हो गई क्रिकेट मैच की तरह -
bharat gehlot
दोस्ती
दोस्ती
Phool gufran
इश्क़ नहीं आसान
इश्क़ नहीं आसान
Surinder blackpen
मन में सदैव अपने
मन में सदैव अपने
Dr fauzia Naseem shad
Loading...