नागयज्ञ होना चाहिए।
हद से अधिक धैर्यशीलता का सदियों से,
दामन पे लगा हुआ दाग धोना चाहिए।
हमने बहुत कुछ खोया शांति हेतु अब,
शत्रुओं से बोल दो कि उन्हें खोना चाहिए।
शोणित के आंसू जो रुलाते आए आज तक,
वक्त की है माँग अब उन्हें रोना चाहिए।
जहरीले साँप नित घूमते है खुलेआम,
अब एक और नागयज्ञ होना चाहिए।।
प्रदीप कुमार