नाकाम
टूटे दिल को समेट के — 2
जोड़ने की नाकाम कोशिशें करते रहे ,
जितना कोशिश मैं करता गया
उतने ही दरार बढ़ते गया
उलझन से प्यार ख़त्म हुआ
मैं पागल तुझे खोने के डर से —2
प्यार से उलझन को ख़त्म करने की
नाकाम कोशिशें करते रहे
आज भी टूटा दिल को समेट के —2
जोड़ने की नाकाम कोशिश करता हूँ
आज भी मेरे नाम से तेरा नाम जोड़ा करता हूँ ,
रतन किर्तनिया
छत्तीसगढ़
जिला :- काँकेर
मो * 9343698231
9343600585