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9 May 2017 · 1 min read

नाकाम ग़ज़ल के कुछ शेर

सन्नाटों भरी ये रात भी है
यादों वाली बरसात भी है।

नफ़रत करने वाले सैकड़ों है
इश्क़ कर सको तो बात भी है।

मैंने एक निगाह से देखा सबको
छोटी सोंच हो तो फिर जात भी है।

छल से ही हारा पाया है जमाना
तौर से हराओ तो मात भी है।

इश्क़ मुक्कम्मल न हो तो है ज़हर
मिल जाये तो सौगात भी है।

ये जल्दीबाज़ी में भी कोई मिलना हुआ भला
फुर्सत से मिल पाओ तो मुलाकात भी है।

नहीं चाहिए इस पूरे जहाँ का साथ मुझे
साथ गर तुम हो तो साथ क़ायनात भी है।।

“अभिनव”

Language: Hindi
Tag: शेर
214 Views

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