नही कहता
भटक कर थक चुका है वो ,कई बार नहीं कहता।
अब तो वो गुनहगार को , गुनहगार नहीं कहता।
योजनाओं को छाप देता है अनेक पेज में,
पर आम आदमी का दर्द अखबार नहीं कहता।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
भटक कर थक चुका है वो ,कई बार नहीं कहता।
अब तो वो गुनहगार को , गुनहगार नहीं कहता।
योजनाओं को छाप देता है अनेक पेज में,
पर आम आदमी का दर्द अखबार नहीं कहता।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी