नहीं हंसी का खेल
दुनिया की रीति औ नीति को
समझना नहीं हंसी का खेल
जो हो इसमें प्रवीण. सरपट
चले उसके जीवन की रेल
दुनियादारी के विशेष गुण
हासिल कर ले जो इंसान
वही पास कर लेता जीवन
में आए सभी इम्तिहान
लोगों से व्यवहार के भी
होते हैं जटिल प्रतिमान
नहीं जरूरी सब पर लागू
हों बस एक जैसे प्रावधान
लोगों के हाव भाव. मर्म को
समझना होता बहुत जरूरी
हुई तनिक सी भी चूक तो बढ़
जाती वैयक्तिक संबंधों में दूरी
वही निपुण जो ठीक से समझ
सके लोगों का कार्य व्यवहार
संबंधों को निभा वह हासिल
कर सके अपने हक अधिकार