Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2018 · 1 min read

नहीं रचेगा छंद

कितनी भी कोशिश करें, नहीं रचेगा छंद !
दरवाजे जज्बात के,.. .रखे अगर जो बंद !!

हिंसा कर होगा नहीं, मानव कभी महान !
दिया यही संसार को…,महावीर ने ज्ञान !!
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 342 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
याद रे
याद रे
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
💐प्रेम कौतुक-530💐
💐प्रेम कौतुक-530💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"वो पूछता है"
Dr. Kishan tandon kranti
तू  फितरत ए  शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
Dr Tabassum Jahan
सभी लालच लिए हँसते बुराई पर रुलाती है
सभी लालच लिए हँसते बुराई पर रुलाती है
आर.एस. 'प्रीतम'
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
स्वयं से सवाल
स्वयं से सवाल
Rajesh
"फ़र्श से अर्श तक"
*Author प्रणय प्रभात*
मैं चाँद पर गया
मैं चाँद पर गया
Satish Srijan
गज़ल सी रचना
गज़ल सी रचना
Kanchan Khanna
2382.पूर्णिका
2382.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सहयोग आधारित संकलन
सहयोग आधारित संकलन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मुझे मिले हैं जो रहमत उसी की वो जाने।
मुझे मिले हैं जो रहमत उसी की वो जाने।
सत्य कुमार प्रेमी
सीख लिया मैनै
सीख लिया मैनै
Seema gupta,Alwar
उससे मिलने को कहा देकर के वास्ता
उससे मिलने को कहा देकर के वास्ता
कवि दीपक बवेजा
बदलने लगते है लोगो के हाव भाव जब।
बदलने लगते है लोगो के हाव भाव जब।
Rj Anand Prajapati
आओ चलें नर्मदा तीरे
आओ चलें नर्मदा तीरे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रास्ते पर कांटे बिछे हो चाहे, अपनी मंजिल का पता हम जानते है।
रास्ते पर कांटे बिछे हो चाहे, अपनी मंजिल का पता हम जानते है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
बदल चुका क्या समय का लय?
बदल चुका क्या समय का लय?
Buddha Prakash
*गाड़ी तन की चल रही, तब तक सबको प्यार (कुंडलिया)*
*गाड़ी तन की चल रही, तब तक सबको प्यार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वसंत
वसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हमारी सोच
हमारी सोच
Neeraj Agarwal
कितना और बदलूं खुद को
कितना और बदलूं खुद को
Er. Sanjay Shrivastava
मौसम मौसम बदल गया
मौसम मौसम बदल गया
The_dk_poetry
मन तो मन है
मन तो मन है
Pratibha Pandey
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मेरे फितरत में ही नहीं है
मेरे फितरत में ही नहीं है
नेताम आर सी
कभी कभी आईना भी,
कभी कभी आईना भी,
शेखर सिंह
Loading...