नहीं मरा है….
काम, क्रोध, मद, लोभ,
अहंकार,
तृष्णा, भोग,
खटविकार,
शोषण, अत्याचार,
जब तक मन में ,
ये दस हरा है ।
रावण कहीं न कहीं,
किसी न किसी रूप में
जिंदा है, नहीं मरा है ।।
काम, क्रोध, मद, लोभ,
अहंकार,
तृष्णा, भोग,
खटविकार,
शोषण, अत्याचार,
जब तक मन में ,
ये दस हरा है ।
रावण कहीं न कहीं,
किसी न किसी रूप में
जिंदा है, नहीं मरा है ।।