Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Sep 2023 · 1 min read

नहीं जाती तेरी याद

नहीं जाती तेरी याद, दिल तुमको ही याद करता है।
बेताब बहुत रहता है दिल, विश्वास तुमपे ही करता है।।
नहीं जाती तेरी याद ————————–।।

बहका दिया है तुमको किसने, आती नहीं अब तुम मिलने।
लगता है क्यों डर तुमको इतना, डराया है तुमको किसने।।
कब होगा अब तुमसे मिलन, इंतजार तुम्हारा रहता है।
नहीं जाती तेरी याद——————-।।

मुझसे हुई है ऐसी क्या खता, कि बात अब करती नहीं है।
तुम्हारे बिना तो रातों में नींद, मेरी आँखों में रहती नहीं है।।
करता नहीं बात दिल और से, उदास तेरे बिन रहता है।
नहीं जाती तेरी याद ————————-।।

मुरझा गये है फूल गुलशन के, अब चमन में नहीं बहार।
बुझे हुए हैं सारे चिराग, दिल में नहीं अब कोई झंकार।।
लगता नहीं अब कुछ भी अच्छा, जीवन अधूरा लगता है।
जाती नहीं तेरी याद——————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
279 Views

You may also like these posts

कुछ तो स्पेशल देख परिंदे।
कुछ तो स्पेशल देख परिंदे।
पंकज परिंदा
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
मरूधर रा मिनखं
मरूधर रा मिनखं
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मौत से डर या अपनों से डर
मौत से डर या अपनों से डर
MEENU SHARMA
हिन्दी भाषा के शिक्षक / प्राध्यापक जो अपने वर्ग कक्ष में अंग
हिन्दी भाषा के शिक्षक / प्राध्यापक जो अपने वर्ग कक्ष में अंग
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
अपनों का साथ भी बड़ा विचित्र हैं,
अपनों का साथ भी बड़ा विचित्र हैं,
Umender kumar
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अंधकार फैला है इतना उजियारा सकुचाता है
अंधकार फैला है इतना उजियारा सकुचाता है
Shweta Soni
तुम खुशी हो मेरे लबों की
तुम खुशी हो मेरे लबों की
gurudeenverma198
*प्यार का रिश्ता*
*प्यार का रिश्ता*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मानसिक और भावनात्मक तकलीफ
मानसिक और भावनात्मक तकलीफ
Mamta Rani
आओ अच्छाई अपनाकर
आओ अच्छाई अपनाकर
महेश चन्द्र त्रिपाठी
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय*
Trải nghiệm thế giới casino đỉnh cao với hàng ngàn trò chơi
Trải nghiệm thế giới casino đỉnh cao với hàng ngàn trò chơi
Vin88
लागेला धान आई ना घरे
लागेला धान आई ना घरे
आकाश महेशपुरी
ख्वाब
ख्वाब
Kanchan verma
चंद्रयान
चंद्रयान
Meera Thakur
नवंबर की ये ठंडी ठिठरती हुई रातें
नवंबर की ये ठंडी ठिठरती हुई रातें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*तू और मै धूप - छाँव जैसे*
*तू और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
23/209. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/209. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" सवाल "
Dr. Kishan tandon kranti
तुम्हें सोचना है जो सोचो
तुम्हें सोचना है जो सोचो
singh kunwar sarvendra vikram
फिर बात करते हैं
फिर बात करते हैं
Jyoti Roshni
ऐसा वर दो हे वीणावादिनी ©डॉ. अमित कुमार दवे, खड़गदा
ऐसा वर दो हे वीणावादिनी ©डॉ. अमित कुमार दवे, खड़गदा
अमित कुमार दवे
"गुमनाम जिन्दगी ”
Pushpraj Anant
डायरी में शायरी...
डायरी में शायरी...
आर.एस. 'प्रीतम'
उत्कृष्ट हिन्दी
उत्कृष्ट हिन्दी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
जोश,जूनून भरपूर है,
जोश,जूनून भरपूर है,
Vaishaligoel
कण कण में राम
कण कण में राम
dr rajmati Surana
🥀 *अज्ञानी की कलम* 🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम* 🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...