Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2021 · 1 min read

नहीं चाहिए अच्छे दिन ये

नहीं चाहिए
अच्छे दिन ये,
मुझे दिला दो
फिर से कोई
वही पुराने दिन बुरे ।

जीभ जला
देता है काढ़ा ।
तीखा-तीखा
गाढ़ा-गाढ़ा ।
घर का खाना
रोज़-रोज़ मैं
खाऊँ कैसे ?
बंद बजरिया
घर से बाहर
जाऊँ कैसे ?
नहीं चाहिए
मोबाइल ये
ला दो कोई
मुझे खिलौने,
टाफी, बिस्किट,कुरकुरे ।

सीढ़ी चढ़कर
छत पर जाना ।
और उतर
कमरे में आना ।
बीमारी का
ताव देखकर
घबराता हूँ ।
घर के भीतर
घुसा-घुसा मैं
उकताता हूँ ।
नहीं देखना
टी.वी.-ई.वी.
मुझे घुमा दो
गलियाँ,रस्ते
ऊबड़-खाबड़,खुरदुरे ।

आनलाइन
थोड़ा पढ़ लेना ।
स्वप्न नया
कोई गढ़ लेना ।
मोबाइल पर
टिक-टिक करते
बीत रहे दिन ।
भारी-भारी
खाली-खाली
रीत रहे दिन ।
नहीं चाहिए
दाल-भात ये
ला दो कोई
मुझे जलेबी
दही,समोसे,चुरमुरे ।

नहीं चाहिए
अच्छे दिन ये
मुझे दिला दो
फिर से कोई
वही पुराने दिन बुरे ।
— ईश्वर दयाल गोस्वामी
छिरारी(रहली),सागर
मध्यप्रदेश ।

Language: Hindi
Tag: गीत
9 Likes · 8 Comments · 291 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*दादा-दादी (बाल कविता)*
*दादा-दादी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
विकटता और मित्रता
विकटता और मित्रता
Astuti Kumari
" प्रार्थना "
Chunnu Lal Gupta
तन पर हल्की  सी धुल लग जाए,
तन पर हल्की सी धुल लग जाए,
Shutisha Rajput
संगत
संगत
Sandeep Pande
ऐसे जीना जिंदगी,
ऐसे जीना जिंदगी,
sushil sarna
संतुलित रखो जगदीश
संतुलित रखो जगदीश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सृजन तेरी कवितायें
सृजन तेरी कवितायें
Satish Srijan
"मेरी जिम्मेदारी "
Pushpraj Anant
प्रबुद्ध लोग -
प्रबुद्ध लोग -
Raju Gajbhiye
बेवजह ख़्वाहिशों की इत्तिला मे गुज़र जाएगी,
बेवजह ख़्वाहिशों की इत्तिला मे गुज़र जाएगी,
शेखर सिंह
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
सैनिक
सैनिक
Mamta Rani
"ऊँची ऊँची परवाज़ - Flying High"
Sidhartha Mishra
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गले लोकतंत्र के नंगे / मुसाफ़िर बैठा
गले लोकतंत्र के नंगे / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
"जिराफ"
Dr. Kishan tandon kranti
कुदरत और भाग्य......एक सच
कुदरत और भाग्य......एक सच
Neeraj Agarwal
हुआ क्या तोड़ आयी प्रीत को जो  एक  है  नारी
हुआ क्या तोड़ आयी प्रीत को जो एक है नारी
Anil Mishra Prahari
रसों में रस बनारस है !
रसों में रस बनारस है !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
वो शिकायत भी मुझसे करता है
वो शिकायत भी मुझसे करता है
Shweta Soni
23/15.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/15.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
निरन्तरता ही जीवन है चलते रहिए
निरन्तरता ही जीवन है चलते रहिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कवि दीपक बवेजा
मौन के प्रतिमान
मौन के प्रतिमान
Davina Amar Thakral
उस रब की इबादत का
उस रब की इबादत का
Dr fauzia Naseem shad
गुजर गई कैसे यह जिंदगी, हुआ नहीं कुछ अहसास हमको
गुजर गई कैसे यह जिंदगी, हुआ नहीं कुछ अहसास हमको
gurudeenverma198
नील पदम् के दोहे
नील पदम् के दोहे
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Dheerja Sharma
यदि आप सकारात्मक नजरिया रखते हैं और हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प
यदि आप सकारात्मक नजरिया रखते हैं और हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प
पूर्वार्थ
Loading...