Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Sep 2024 · 1 min read

नहीं किसी का भक्त हूँ भाई

नहीं किसी का भक्त हूँ भाई

पंथों में ना सख़्त हूँ भाई, अंधा कोई भक्त हूँ भाई।
मैं करता हूँ खुद की पूजा, मेरा ईश्वर मैं ना दुजा।
जन्म से खुद को हिन्दू पाऊँपड़े जरूरत सिख बन जाऊँ।
कभी जरूरत मुस्लिम भो हूँ, कभी बनूँ मैं मैौद्ध ईसाई।
क्योंकि मैं अनासक्त हूँ भाई, नहीं पंथ का भक्त हूँ भाई।

पंथ ज्ञान के रस्ते सारे, तो सब के सब हुए हमारे।
गणित कभी बायो पढ़ता हूँ, पुस्तक से खुद को गढ़ता हूँ।
पर इनकी ना करता पूजा, पड़े जरूरत पढ़ता दुजा।
निजप्रज्ञा अभिवर्धन राही, ज्ञानासक्त हरवक्त भाई?
नहीं किसी का भक्त हूँ भाई।

मेरा तन हीं मेरा धन हैं, तनमन अर्पित हीं निज मन है।
मैं हूँ तो ये पंथ है सारे, देश धर्म भी बने हमारे।
मुझसे हीं ये सब फलते हैं, खुद में हीं अनुरक्त हूँ भाई।
नहीं किसी का भक्त हूँ भाई, पंथों में ना सख़्त हूँ भाई।

अजय अमिताभ सुमन

77 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़िंदगी क्या है ?
ज़िंदगी क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
🇮🇳स्वतंत्रता दिवस पर कविता🇮🇳🫡
🇮🇳स्वतंत्रता दिवस पर कविता🇮🇳🫡
पूर्वार्थ
बेचैनी तब होती है जब ध्यान लक्ष्य से हट जाता है।
बेचैनी तब होती है जब ध्यान लक्ष्य से हट जाता है।
Rj Anand Prajapati
मैने कभी बेहतर की तलाश नही की,
मैने कभी बेहतर की तलाश नही की,
Mukul Koushik
यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
जगदीश शर्मा सहज
जन्मदिवस विशेष 🌼
जन्मदिवस विशेष 🌼
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
तुलनात्मक अध्ययन एक अपराध-बोध
तुलनात्मक अध्ययन एक अपराध-बोध
Mahender Singh
"कविता के बीजगणित"
Dr. Kishan tandon kranti
2) “काग़ज़ की कश्ती”
2) “काग़ज़ की कश्ती”
Sapna Arora
मां भारती से कल्याण
मां भारती से कल्याण
Sandeep Pande
*समृद्ध भारत बनायें*
*समृद्ध भारत बनायें*
Poonam Matia
दिल का हर रोम रोम धड़कता है,
दिल का हर रोम रोम धड़कता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
सत्य कुमार प्रेमी
जितने भी मशहूर हो गए
जितने भी मशहूर हो गए
Manoj Mahato
आग और पानी 🙏
आग और पानी 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
साथियों जीत का समंदर,
साथियों जीत का समंदर,
Sunil Maheshwari
3228.*पूर्णिका*
3228.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जो भी सोचता हूँ मैं तेरे बारे में
जो भी सोचता हूँ मैं तेरे बारे में
gurudeenverma198
ज़िंदगी को
ज़िंदगी को
Sangeeta Beniwal
■ और एक दिन ■
■ और एक दिन ■
*प्रणय*
गर्मी की मार
गर्मी की मार
Dr.Pratibha Prakash
🍁🌹🖤🌹🍁
🍁🌹🖤🌹🍁
शेखर सिंह
प्यार करता हूं और निभाना चाहता हूं
प्यार करता हूं और निभाना चाहता हूं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
अरे इंसान हैं हम, भगवान नहीं!
अरे इंसान हैं हम, भगवान नहीं!
Ajit Kumar "Karn"
"रेलगाड़ी सी ज़िन्दगी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बेशक ! बसंत आने की, खुशी मनाया जाए
बेशक ! बसंत आने की, खुशी मनाया जाए
Keshav kishor Kumar
*इक क़ता*,,
*इक क़ता*,,
Neelofar Khan
*य से यज्ञ (बाल कविता)*
*य से यज्ञ (बाल कविता)*
Ravi Prakash
Activities for Environmental Protection
Activities for Environmental Protection
अमित कुमार
परिवार के बीच तारों सा टूट रहा हूं मैं।
परिवार के बीच तारों सा टूट रहा हूं मैं।
राज वीर शर्मा
Loading...