नहीं करता
मैं नाम की उम्मीद नहीं करता,
इनाम की उम्मीद नहीं करता।
‘अभि’ तो सुबह की उम्मीद करता हूँ,
पर शाम की उम्मीद नहीं करता।
जिंदगी भर दौड़ती जिंदगी से,
आराम की उम्मीद नहीं करता।
काम पूरा करने की उम्मीद करता हूँ,
जल्दी परिणाम की उम्मीद नहीं करता।
किसी से काम की उम्मीद तो कर सकता हूँ,
पर किसी से हराम की उम्मीद नहीं करता।।
©अभिषेक पाण्डेय अभि