** नहीं कम किसी से हम **
ऐ चाँद तुझको फलक से ज़मी पर उतार लाएंगे हम
मत दिखा तूं अपनी जादूगरी नहीं कम किसी से हम
तुझको बना के छोड़ेंगे दिल से अपना हम हमसफ़र
ये जुल्फ तेरी सावन घटा सागर से कम नहीं हैं हम।।
?मधुप बैरागी