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18 Sep 2023 · 1 min read

#नींव के पत्थर

✍️

★ #नींव के पत्थर ★

जब-जब सावन आया होगा
तेरे नयनों से शरमाया होगा
दे दे अपना कंत सखी
सर्द हवाओं ने कहलाया होगा
मंदिर से उठ गए जब देवता
पत्थर से मन बहलाया होगा

तुझे मानते हैं उर्मिला अवतार हम
हैं तेरे देनदार हम !

सूरज की असंख्य रश्मियाँ
तेरी जीवन-ज्योति एक है
हीरा के हीरे और भी हैं
तेरे मन का मोती एक है
बलवानों के अनेक धन
तेरा नेक धन विवेक है

माँ भारती से तेरा प्यार हम
हैं तेरे देनदार हम !

किसी ने भाई किसी ने भगवान कहा
पत्ता-पत्ता पहचान रहा
परदेसी हुए को युग बीते
तुझे आज भी अपनी मान रहा
दुनिया उस को जान रही
वो दुनिया को छान रहा

मंदिर में लगी कतार हम
हैं तेरे देनदार हम !

पेड़ों के पात जब हरे होंगे
खोटे सिक्के सब खरे होंगे
अपनी होगी दुनिया सारी
लुटेरे चोर ठग परे होंगे
माँ की कोख लजाने वाले
अपनी मौत मरे होंगे

दुष्टों को अंतिम नमस्कार हम
हैं तेरे देनदार हम !

शील बुद्धि धीरज ममता से तेरा सजना
माँ भारती का तू गहना
आगे और मिलेंगी टोलियाँ पसारे झोलियाँ
तू न किसी से न कहना
पीछे और आएंगे भूखे-प्यासे हे माता
तू सदा-सदा यहीं रहना

यशोदा तेरा हैं परिवार हम
हैं तेरे देनदार हम !

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२

Language: Hindi
85 Views
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