नस-नस में तू है तुझको भुलाएँ भी किस तरह
नस-नस में तू है तुझको भुलाएँ भी किस तरह
रोती हुई आँखों को चुपाएँ भी किस तरह
तुझसे ही थीं बहारें, तुझी से थी हर खुशी
अब बिन तेरे ये उम्र बिताएँ भी किस तरह
डॉ अर्चना गुप्ता
नस-नस में तू है तुझको भुलाएँ भी किस तरह
रोती हुई आँखों को चुपाएँ भी किस तरह
तुझसे ही थीं बहारें, तुझी से थी हर खुशी
अब बिन तेरे ये उम्र बिताएँ भी किस तरह
डॉ अर्चना गुप्ता