नसीहत और किरदार
दूसरों को नसीहत करने से पहले जरूरी यह है कि उस किरदार में पहले खुद ढला जाए। अगर आपके किरदार और नसीहत का आपस में बेहतर तालमेल है, तभी आपकी बात का दूसरों पर असर होगा।
दूसरों को नसीहत करने से पहले जरूरी यह है कि उस किरदार में पहले खुद ढला जाए। अगर आपके किरदार और नसीहत का आपस में बेहतर तालमेल है, तभी आपकी बात का दूसरों पर असर होगा।