नसीब
कितनी कश्तियां हैं जो साहिल तक पहुंच पाती है ?
कितने कदम हैं जो मंजिल तक पहुंच पाते है ?
कितनी जिंदगियां अपने मकसद तक पहुंच पाती है?
यह सब नसीब की ही तो बातें है ,जनाब!
वरना कौन सा ऐसा इंसान जहां में है जिसके दिल सारी हसरतें पूरी हो जाती है?