नसीब हो जाओ
नसीब हो मेरा तुम नसीब बन जसो
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नसीब हो मेरा तुम नसीब हो जाओ,
किसी बहाने से कुछ करीब हो जाओ।
पड़े रहो हरदम हमदम तुम सांसों में,
बहुत हमारे प्यारे हबीब हो जाओ।
सदा बने माला हम तेरी बाहों की,
दलील बनकर प्यारी जरीब हो जाओ।
फ़क़ीर हम तो हैं तेरी ही राहों में,
अमीर दिल से बेशक गरीब हो जाओ।
हिसाब तो मनसीरत दिल का पूरा हो,
सुदूर मत जाना चाहे रकीब हो जाओ।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)