*नश्वर यह देह जगत् सारा, मन में यह बारंबार रहे (घनाक्षरी)*
नश्वर यह देह जगत् सारा, मन में यह बारंबार रहे (घनाक्षरी)
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कुछ और भले ही नहीं दो प्रभु,
जीवन में सुमति विचार रहे
सद्भाव भरा व्यवहार सदा,
जीवन का शुभ आधार रहे
अति दीन न हूँ निर्धनता में,
गर्वित धन का न उभार रहे
नश्वर यह देह जगत् सारा,
मन में यह बारंबार रहे
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रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उ.प्र.) मो. 9997615451