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12 Feb 2024 · 1 min read

नशे की लत

है जान लेवा
सिगरेट मदिरा
न छुओ इसे

सुखाती तन
ये तंबाकू सबका
छोड़ों इसको।

नशे को छोड़ो
बरबाद न करो
और खुद को ।

देखो अपने
व्यथित हैं कितने
देख दुर्दशा।

खोया सुकून
जीवन अंधेरे में
छाया है दुख।

संभल जाओ
जिंदगी से न खेलो
नशे को छोड़ो।

करना है तो
पूरे करो सपने
सभी अपने

न करों नशा
जीवन को संभालो
खुशियाँ बांटो।

अनमोल है
ज़िंदगी न गंवाना
नशा भुलाना

स्वरचित एवम मौलिक
कंचन वर्मा
शाहजहांपुर
उत्तर प्रदेश

77 Views
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