Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2024 · 1 min read

नशीली चाँदनी

नशीली -चाँदनी
*****************
देखो देखो प्रिये ….,
है ,ये आज की रात कितनी सुहानी
भरा हुआ है अंबर इन जगमग करते
तारों से ….,
वहीं चाँद भी है क्यों मध्यम सा आज
जो …,
बिखरा रहा है ,शबनम में नहाई हुई
नशीली सी चाँदनी को इस
वसुंधरा पर …,
है ,ये आज की रात कितनी सुहानी सी
ये वादियाँ भी लग रहीं हैं
नशीली सी आज
इस मध्यम सी चाँदनी में
प्रिये …,आओ चलें उपवन में
डाल हाथों में हाथ इस नशीली रात में
वहीं ,लेटकर उपवन की नर्म घास पर
गिनेंगे तारे साथ में
इस नशीली सी रात में ,
प्रिये ….,
है ,ये आज की रात कितनी सुहानी …||

शशि कांत श्रीवास्तव
डेराबस्सी मोहाली ,पंजाब
©स्वरचित मौलिक रचना
07-02-2024

1 Like · 138 Views
Books from शशि कांत श्रीवास्तव
View all

You may also like these posts

राष्ट्रपिता
राष्ट्रपिता
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
sudhir kumar
मन में जो भी भाव लेकर कार्य करोगे आप वैसे ही परिणाम को पाओगे
मन में जो भी भाव लेकर कार्य करोगे आप वैसे ही परिणाम को पाओगे
Rj Anand Prajapati
जिन्दगी तू तो बड़ी बेजोड़ है
जिन्दगी तू तो बड़ी बेजोड़ है
Ragini Kumari
"बस्तर की बोलियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
✍️ रागी के दोहे ✍️
✍️ रागी के दोहे ✍️
राधेश्याम "रागी"
वफ़ा की तहरीरें - चंद अशआर
वफ़ा की तहरीरें - चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
ग़ज़ल _ मैं रब की पनाहों में ।
ग़ज़ल _ मैं रब की पनाहों में ।
Neelofar Khan
मित्र
मित्र
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
दोहे - डी के निवातिया
दोहे - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
*
*"बादल"*
Shashi kala vyas
*कभी नहीं पशुओं को मारो (बाल कविता)*
*कभी नहीं पशुओं को मारो (बाल कविता)*
Ravi Prakash
घर-घर तिरंगा
घर-घर तिरंगा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
करवा चौथ का चांद
करवा चौथ का चांद
मधुसूदन गौतम
पेड़ का दर्द
पेड़ का दर्द
Dr Archana Gupta
4847.*पूर्णिका*
4847.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक ही नारा एक ही काम,
एक ही नारा एक ही काम,
शेखर सिंह
*Loving Beyond Religion*
*Loving Beyond Religion*
Poonam Matia
कायम रखें उत्साह
कायम रखें उत्साह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मेरी वफा की राह में
मेरी वफा की राह में
Minal Aggarwal
ख़ुशियाँ हो जीवन में, गुलाब होने का हर्ष रहे
ख़ुशियाँ हो जीवन में, गुलाब होने का हर्ष रहे
आर.एस. 'प्रीतम'
***
***
sushil sarna
इक ज़मीं हो
इक ज़मीं हो
Monika Arora
अंबर तारों से भरा, फिर भी काली रात।
अंबर तारों से भरा, फिर भी काली रात।
लक्ष्मी सिंह
मत करना अभिमान
मत करना अभिमान
Sudhir srivastava
दुःख, दर्द, द्वन्द्व, अपमान, अश्रु
दुःख, दर्द, द्वन्द्व, अपमान, अश्रु
Shweta Soni
ज़िंदगी कुछ आसान बना लूंगा इस अंदाज़ से,
ज़िंदगी कुछ आसान बना लूंगा इस अंदाज़ से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सारे ही चेहरे कातिल है।
सारे ही चेहरे कातिल है।
Taj Mohammad
खुशनसीब
खुशनसीब
Naushaba Suriya
..
..
*प्रणय*
Loading...