Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Apr 2024 · 1 min read

नशीली आंखें

ऐसे ही नहीं
हम उनके दीवाने हैं
चलते-फिरते
वह तो मयखाने हैं…
(१)
जिसके नसीब में
ऐसा शवाब
उसके लिए फीकी
बाक़ी शराब
होंठों से लेकर
आंखों तक
सारे अंग
उनके पैमाने हैं…
(२)
उनका अल्हड़पन
अपनी मस्ती
देखकर हाय करे
बस्ती-बस्ती
चाहे आप
जिधर जाइए
चारों ओर
हमारे अफसाने हैं…
(३)
जब से हमें
उनसे प्यार हुआ है
बिल्कुल नया
संसार हुआ है
आजकल हमें
तो लगता जैसे
महफ़िल से
बेहतर वीराने हैं…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#romanticsong #Lyrics #शायरी
#dreamgirl #स्वप्न_सुंदरी #Beauty
#mydreamoflove #ख्वाब #कविता
#रोमांटिक_गीत #हुस्न #परी #love

Language: Hindi
Tag: गीत
169 Views

You may also like these posts

इल्जामों के घोडे
इल्जामों के घोडे
Kshma Urmila
🙅यक़ीन मानिए🙅
🙅यक़ीन मानिए🙅
*प्रणय*
वेदना
वेदना
उमा झा
मोबाइल फोन
मोबाइल फोन
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
छल ......
छल ......
sushil sarna
2746. *पूर्णिका*
2746. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रात नहीं सपने बदलते हैं,
रात नहीं सपने बदलते हैं,
Ranjeet kumar patre
महल था ख़्वाबों का
महल था ख़्वाबों का
Dr fauzia Naseem shad
दिल के कोने में
दिल के कोने में
Surinder blackpen
"मेरा प्यार "
DrLakshman Jha Parimal
अंबर तारों से भरा, फिर भी काली रात।
अंबर तारों से भरा, फिर भी काली रात।
लक्ष्मी सिंह
छुपा सच
छुपा सच
Mahender Singh
कविता
कविता
Dr.Priya Soni Khare
“बारिश और ग़रीब की झोपड़ी”
“बारिश और ग़रीब की झोपड़ी”
Neeraj kumar Soni
प्रेरणा
प्रेरणा
Sunil Maheshwari
" गौर से "
Dr. Kishan tandon kranti
दुआए
दुआए
Shutisha Rajput
The Stage of Life
The Stage of Life
Deep Shikha
नियम पुराना
नियम पुराना
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
पर्व है ऐश्वर्य के प्रिय गान का।
पर्व है ऐश्वर्य के प्रिय गान का।
surenderpal vaidya
आज अकेले ही चलने दो।
आज अकेले ही चलने दो।
Kumar Kalhans
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
तिमिर घनेरा बिछा चतुर्दिक्रं,चमात्र इंजोर नहीं है
तिमिर घनेरा बिछा चतुर्दिक्रं,चमात्र इंजोर नहीं है
पूर्वार्थ
बुंदेली दोहे-फतूम (गरीबों की बनियान)
बुंदेली दोहे-फतूम (गरीबों की बनियान)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
किसी के प्रति बहुल प्रेम भी
किसी के प्रति बहुल प्रेम भी
Ajit Kumar "Karn"
काश तुम ये जान पाते...
काश तुम ये जान पाते...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुकादमा चल रहा है अब मेरा
मुकादमा चल रहा है अब मेरा
shabina. Naaz
कामवासना मन की चाहत है,आत्मा तो केवल जन्म मरण के बंधनों से म
कामवासना मन की चाहत है,आत्मा तो केवल जन्म मरण के बंधनों से म
Rj Anand Prajapati
इश्क का वहम
इश्क का वहम
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Loading...