नशा छोडो
नशा छोडो
नशा त्याग दो भैया बहना ।जीवन लाभ निरोगी रहना ।।
पीते खाते बीड़ी जर्दा।गल जाता तालू मुँह पर्दा ।।
नशा करें जो भाँग गुडाकू।स्वास्थ्य नाश करते बन ड़ाकू।।
स्मैक पावडर गले लगाते।जीवन का वो सुख क्या पाते ।।
कर देते घर की बर्बादी ।होत शरीर नशा का आदी।।
नशा त्याग में एक भलाई ।रार मिटें भैया भौजाई।।
प्रेम भाव परिवार समेता।स्वर्ग लोक सा लगे निकेता।।
नशा त्यागिए कर संकल्पा।दृढ़ निश्चय ही एक विकल्पा।।
फैशन मान नशा जो करते ।पूर्ण उम्र वो जी नहि सकते ।।
नशा खोर इज्जत नहि पाते ।सभ्य लोग कब पास बिठाते।।
दूर दूर रहते सब लोगा।नशा नास करने हित योगा।।
पी शराब नाली में गिरते ।तोड़ शर्म रातों में फिरते।।
राह चलत बकते है गाली ।पढ़े लिखे करतूतें काली।।
जिस समाज में नशा बुराई ।पिछड़ी उसकी इज्जत भाई।।
नशा त्याग परिवार बचाओ ।मानव हो मानव कहलाओ।।
राक्षस कुल की यह मर्यादा ।नशा खोर होते हैं ज्यादा ।।
हिन्दू धर्म देव परिवारा।सद प्रवृत्ति ही जग विस्तारा।।