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6 Jun 2022 · 1 min read

नशामुक्ति (भोजपुरी लोकगीत)

#नशामुक्ति (भोजपुरी लोकगीत)
______________________________________
छोड़ऽ गांजा बीड़ी कइल सुधार पिया,
जिनगी से प्यार पिया ना।।

लेलऽ चरस अफीम, फेरु खोजेल हकीम।
इत ऽ मउगत महीन, छेड़ऽ मुक्ति के मुहीम।
दारू तड़िये से भइलऽ तू भार पिया।
जिनगी से प्यार पिया ना।।

नाश दउलत के होला, काहे बनत बाड़ऽ भोला।
तोहरा भावे नाही छोला, रोजे लीलऽ भांग गोला।
काहे जियते तू करेल अन्हार पिया।
जिनगी से प्यार पिया ना।।

रोजे पियेल सिगार, बेचि मेहरी के हार।
रहलऽ हिरवे के हार, काहे भइलऽ तू खार।
अपने तनवा से कइलऽ दुलार पिया।
जिनगी से प्यार पिया ना।।

छोड़ऽ दारू सिगरेट, ना तऽ करी ई आखेट।
लिहि जिनगी लपेट, नाम जाई तोहर मेट।
हमरि बतिया पे कइलऽ विचार पिया।
जिनगी से प्यार पिया ना।।

संजीव शुक्ल ‘सचिन’

Language: Bhojpuri
4 Likes · 1 Comment · 1022 Views
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